माजूफल एक प्रसिद्ध जड़ी – बूटी है। इसका वैज्ञानिक नाम “क्वेरकस इंफेकटोरिया “ है। माजूफल मुंह के रोगों के लिए एक उत्तम औषधी है। माजूफल वास्तव में कोई फल नहीं है। बल्कि जंगली वृक्ष की शाखा का एक विशेष प्रकार के कीड़े के द्वारा छेद करने और उन छेदों में अपने अण्डे रखने से वहां जो गाँठें उभर आती हैं,उन्हीं गाँठों को माजूफल कहते हैं।
विभिन्न भाषाओं में इसे अलग –अलग नामों से जाना जाता है
- हिंदी – माजूफल
- तमिल – मस्काई
- अंग्रेजी – गेलनट
- मलेशिया – मंजाकनी
माजूफल के फायदे (Majufal Benefits)
माजूफल बहुत ही लाभकारी औषधी है। अधिकतर इसका उपयोग नवजात शिशुओं के रोगों को दूर करने में किया जाता है। यह जड़ी – बूटी सभी प्रकार के रोगों को दूर करने में प्रयोग की जाती है। इसके लाभ इस प्रकार हैं।
- मधुमेह के रोग में –
माजूफल में गैलिक एसिड पाया जाता है, जो मधुमेह के रोग को बढ़ने से रोकता है। माजूफल की चाय बनाकर पीने से मधुमेह के रोग में जल्दी आराम मिलता है।
- त्वचा के लिए –
माजूफल में एंटीऑक्सीडेंट गुण उपस्थित होते हैं जो त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। माजूफल का पेस्ट बनाकर 5 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं उसके बाद चेहरे को साफ़ पानी से धो लें। इससे त्वचा में कसावट बनी रहती है।
- आँखों के लिए –
माजूफल आँखों के लिए एक उत्तम जड़ी – बूटी है। माजूफल और छोटी हरड़ को पीसकर आँखों में लगाने से आँखों की खुजली बंद हो जाती है।
- कैंसर के रोग में –
माजूफल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो सर्वाइकल कैंसर तथा ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
- मुँह के अल्सर में –
माजूफल के छोटे टुकड़े को मुँह में सुपारी की तरह चबाने से मुँह के छालों में जल्दी आराम मिलता है।
- दस्त होने पर –
दस्त होने पर माजूफल का सेवन लाभकारी होता है। माजूफल को पीसकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को 1-2 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम ताजा पानी के साथ लेने से दस्त में जल्दी आराम मिलता है।
- श्वेतप्रदर होने पर –
श्वेतप्रदर होने पर 1-2 ग्राम माजूफल को सुबह – शाम ताजा पानी के साथ नियमित रूप से लेने से जल्दी आराम मिलता है।
- घाव के इलाज में –
घाव होने पर माजूफल को पानी में उबाल लें, इस उबले हुए पानी से घाव को धोने से घाव जल्दी भर जाते हैं।