Homeऔषधिआयुर्वेदिकनिर्गुण्डी के फायदे और नुकसान- Nirgundi Benefits and Side Effects in Hindi

निर्गुण्डी के फायदे और नुकसान- Nirgundi Benefits and Side Effects in Hindi

निर्गुन्डी एक आयुर्वेदिक जड़ी – बूटी है, जो हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में पायी जाती है। इसका वानस्पतिक नाम ” वाइटेक्स ” है। इसकी तासीर गरम होती है। इसका प्रयोग जोड़ों तथा मांसपेशियों के दर्द में तथा अस्थमा के रोग में किया जाता है। निर्गुन्डी का प्रयोग मच्छरों को दूर करने में भी किया जाता है।

निर्गुन्डी के फायदे

निर्गुन्डी के पेड़ का प्रयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में अलग – अलग किया जाता है। यह एक प्राकृतिक उपचार के रुप में प्रयोग की जाती है निर्गुन्डी की पत्तियाँ पाँच पत्तों के समूह में लगी रहती हैं।

  • पाचन क्रिया में

निर्गुन्डी पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करती है। यह पाचन क्रिया में सुधार लाने में मदद करती है। निर्गुन्डी के पत्तों के १० मिलीलीटर को २ पिसी हुई काली मिर्च और अजवाइन के साथ सुबह – शाम नियमित रूप से सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक होती है।

  • बालों के लिए

निर्गुन्डी के तेल को बालों में लगाने से बालों का गिरना कम होता है। साथ ही यह बालों के विकास में भी सहायक होती है। निर्गुन्डी के तेल के नियमित उपयोग से रूसी सहित स्कैल्प के संक्रमण भी ठीक हो जाते हैं। निर्गुन्डी का तेल हेयर टॉनिक के रूप में काम करता है।

  • गठिया के दर्द में

निर्गुन्डी के तेल को हल्का गुनगुना करके जोड़ों पर लगाने से गठिया के दर्द में जल्दी आराम मिलता है।

  • माइग्रेन के दर्द में

माइग्रेन के दर्द में निर्गुन्डी के पत्ते बहुत ही लाभकारी होते हैं। निर्गुन्डी के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को सिर पर लगाने से माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है। निर्गुन्डी के पत्तों के रस को हल्का गर्म करके २-२ बून्द कान में डालने से माइग्रेन का दर्द ख़त्म हो जाता है।

  • चोट या सूजन कम करने में

निर्गुन्डी में एंटी – बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। निर्गुन्डी के तेल को लगाने से पुराने घाव जल्दी भर जाते हैं, तथा इसके पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाकर चोट या सूजन पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

  • बुखार में

निर्गुन्डी के पत्तों का काढ़ा पीपल के साथ लेने से कफ के बुखार में लाभ मिलता है।

निर्गुन्डी के नुकसान

निर्गुन्डी का अधिक मात्रा में सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता  है। निर्गुन्डी का आंतरिक रूप से प्रयोग डॉक्टरी सलाह पर ही करें।

  • गर्म प्रकृति वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
  • निर्गुन्डी का अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह उनमें हार्मोन्स परिवर्तन को उत्तेजित कर सकती है।  जो उनके लिए हानिकारक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read