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अस्थमा: क्या है कारण और होम्योपैथिक इलाज- Cause & Homeopathic Treatment of Asthma

कभी – कभी हम देखते हैं, कि किसी व्यक्ति को खांसी आती है। और खाँसते – खाँसते उस व्यक्ति की साँस फूलने लगती है। इसी परेशानी को अस्थमा कहते है। अस्थमा का दूसरा नाम ” दमा “होता है। अस्थमा तब होता है जब फेफड़ों एवं सूक्ष्म स्वांस नलिकाओं की आंतरिक झिल्ली प्रादाघ्ति हो जाती है। जो रक्त और ऑक्सीजन ले जाती है। ऐसा प्राय: एलर्जी के कारण होता है। अतः अस्थमा के दौरे की दीर्घता और गहनता घातक हो सकती है।

जिन रोगियों को अस्थमा के दौरे पड़ते हैं, तो वह डॉक्टर के पास जाते है।  तब डॉक्टर उन्हें कुछ दबाओं के साथ Inhelar का प्रयोग बता देते हैं। Inhelar  को लम्बे समय तक प्रयोग में लाने से इसके side effect भी होते हैं। Inhelar फेफड़ों के स्त्राव को शुष्क कर अस्थमा ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अपने गले तथा वक्ष को श्लेष्मा से साफ़ करपाने में कठिनाई पैदा कर देता है। तथा उनके स्वसन सम्बन्धी वायु पथ अवरुद्ध हो जाते हैं।

अस्थमा होने के कारण

  • श्लेष्मा का स्त्राव बद जाना
  • चिकनी पेशियों का संकुचन
  • एलर्जी के कारण रक्त वाहिकाओं का प्रसार

अस्थमा की होम्योपैथिक दवाएं

अस्थमा जैसी बीमारी में डॉक्टरी दवाओ का असर नहीं होता है। डॉक्टरी दवाओ से इसे सिर्फ कण्ट्रोल किया जा सकता है। लेकिन होम्योपैथिक दवाओ के सेवन से यह रोग जड़ से ख़त्म हो जाता है।

 1– Aemilinum  Nit  Q , Passiflura Q

अस्थमा के दौरे के दौरान 1/4 कप पानी में Passiflura  Q की 10 -15 बून्द लें, तथा Aemilinum Q की रुमाल पर कुछ बूंदें डालकर सूंघने से तुरंत आराम मिलता है।

 2– Antimonium Tart 30

जब रोगी में श्लेष्मा की घबराहट बहुत अधिक हो, परन्तु बहुत कम निकल रहा हो। तेज ,लघु एवं कष्टपूर्ण स्वसन हो । तो इस स्थिति में यह औषधी बहुत उपयोगी है। इसकी 5 ड्रॉप दिन में तीन बार सीधे जीभ पर लें।

3– Arsenic Album  30

जब अस्थमा का दौरा आधी रात को पड़े और लेटने पर भी आराम ना मिले, तथा साँस लेने में भी दिक्कत हो तथा ,सीने में जलन हो तो, इस स्थिति में यह औषधी उपयोगी है। इसकी 5 ड्रॉप दिन में तेन बार लें।

जब दौरा पड़े उस स्थिति में 1-1 घंटे पर इस औषधी की 5 -5 ड्रॉप लें।

 4– Blatta Orientalis Q

यह अस्थमा के लिए एक उत्कृष्ट औषधी है। इसकी 10 – 15 ड्रॉप 1/4 कप पानी में दिन में दो बार लें।

 5Carbo Veg. 6

वृद्ध व्यक्तियों में अस्थमा, दुर्गन्धयुक्त बलगम, श्लेष्मा के वमन तथा उबकाई के साथ ऐंठनयुक्त खांसी होने पर, इस औषधी की दिन में तीन खुराक लेने से जल्दी आराम मिलता है।

 6Cupram Met 30

वास्तविक अस्थमा, खांसी का स्वर गड़गड़ाहट के समान होता है, तथा खांसी ठंडा पानी पीने से शांत हो जाती है। ऐसी परिस्थिती में इस औषधी के दिन में तीन खुराक लेने से जल्दी आराम मिलता है।

 7-Ipecuhhana 30

यदि किसे व्यक्ति को घरघराहट के साथ खांसी है। तथा बलगम से वक्ष भरा हुआ अनुभव होता है। परन्तु खांसने पर बलगम बाहर नहीं आता। यह औषधी बच्चों में बहुत उपयोगी है। इस औषधी की दिन में तीन खुराक लें।

 8- Calcerea Carb 30

सुबह 3-5 बजे अस्थमा का दौरा। वक्ष में पीड़ा के साथ शुष्क, कठोर खांसी तथा अल्पमात्रा में चिपचिपे, दुर्गंध युक्त बलगम का निकलना। इस तरह के लक्षण होने पर इस औषधी की दिन में तीन खुराक लें।

 9- Natrum Sulph 30

यदि किसी बच्चे को अस्थमा की परेशानी है तथा उसे घबराहट युक्त खांसी सुबह के 3-5 बजे के समय पर बढ़ जाती है। यदि बच्चे का बलगम हरापन लिए हुए हो, तथा ताज़ी ठंडी वायु से फिर से दौरा पद जाए, तो इस औषधी की दिन में तीन खुराक देने से जल्दी आराम मिलता है।

 10- Pothos 30

थोड़ी सी भी धूल में स्वांस लेने से अस्थमा का कष्ट बढ़ जाता है। तो इस औषधी की दिन में तीन खुराक लें।

 11- Senega Q

यह औषधी उन वृद्ध व्यक्तिओं के लिए उपयोगी है, जो अस्थमा से पीड़ित है। तथा जो बिस्तर में बैठे रहते हैं, जिनको स्वांस लेने में परेशानी होती है। तथा जिनको घबराहट और खड़खड़ाहट होती है। ऐसे व्यक्तियों को इस औषधी की 1/4 कप पानी में 8-10 ड्राप हर एक घंटे पर दें। जब तक कि आराम न हो।

Note: कोई भी इलाज़ स्वयं करने से पहले, सम्बंधित डॉक्टर से सलाह अवश्य लें

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