हम अक्सर यह देखते हैं ,कि किसी व्यक्ति को पीलिया हो गया है। पीलिया क्या है? हमारे रक्त में Billirubin के बढ़ जाने से हमारी त्वचा, नाख़ून, और आँखों का रंग पीला हो जाता है।इस स्थिति को पीलिया कहते हैं। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति के पेशाब का रंग भी पीला होता है। पीलिया दिखने में तो साधारण बीमारी है।लेकिन सही समय पर सही इलाज ना मिले तो यह गंभीर रूप ले लेती है। जिससे मरीज की मृत्यु तक हो जाती है। यह लिवर से सम्बंधित बीमारी है। इसमें लिवर में सूजन,लिवर का आकार बढ़ना तथा दर्द की परेशानी होती है। पीलिया में पाचन क्रिया भी गड़बड़ हो जाती है।
पीलिया क्यों होता है?
Billirubin पीले रंग का पदार्थ होता है। ये रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मृत हो जाती हैं,तो लिवर इनको रक्त से फ़िल्टर कर देता है।लेकिन लिवर में जब कोई प्रॉब्लम होती है ,तो लिवर इस फ़िल्टर की प्रक्रिया को ठीक से नहीं कर पाता है और Billirubin बढ़ने लगता है। और हमारी त्वचा पीली लगने लगती है। यहाँ पीलिया होने के कुछ मुख्य कारण हैं, जिनके चलते ये समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- हेपेटाइटिस
- Pencrease Cancer
- Bileduct का बंद होना
- ज्यादा एल्कोहल लेने से लिवर की बीमारी
- खुले में शौंच करना और गन्दा पानी पीना
पीलिया का होम्योपैथिक इलाज
पीलिया को होम्योपैथिक दबाइयों से जड़ से ख़त्म किया जा सकता है। होम्योपैथिक दबाओं का नियमित सेवन करने से पीलिया के रोग में जल्दी आराम मिलता है।
1– Aconite Nap 30
यद् दबा शिशुओं के आरंभिक अवस्था के पीलिया रोग में बहुत ही उत्तम कार्य करती है।इस दबा की शिशु को १ से २ बून्द दिन में तीन खुराक ( सुबह ,दोपहर ,शाम ) देनी चाहिए।
2- Aesculus Hipp. 30
यकृत में मंद गति की पीड़ा होने पर इस दबा का सेवन ४ से ५ बून्द दिन में तीन बार (सुबह ,दोपहर ,शाम ) सीधे जीभ पर लेने से जल्दी आराम मिलता है।
3- Arsenic Album 30
यदि रोगी को थोड़े -थोड़े समय अंतराल पर कम मात्रा में पानी की प्यास लगती है। या रोगी का पीलिया बुखार के साथ काफी पुराना हो गया है। तो इस दबा की ४ – ५ बून्द दिन में तीन बार सेवन करने से पीलिया जल्दी ठीक होता है।
4- Carduus Mar. Q, 30
यदि रोगी शराब का सेवन करता है।और उसके यकृत के भाग में पीड़ा तथा पीलिया है। तो इस औषधी को दिन में तीन बार ( सुबह ,दोपहर ,शाम ) लेने से रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।
5- Carica Papaya Q
यदि रोगी के नेत्र पीले है और भूख नहीं लगती ,जी मचलाता है या उल्टियां आती हैं। तो रोगी को इस दबा को दिन में तीन बार 10 -10 बूंद 1 /4 कप पानी में लेने से जल्दी आराम मिलता है।
6- Chamomilla 30
यदि नवजात शिशु को पीलिया है। और शिशु बहुत रोता है, तो इस दबा की दिन में तीन खुराक देने से शिशु को जल्दी आराम मिलता है।
7- China Off 30
सामान्यतः यह औषधी पीलिया के आरंभिक आक्रमण को रोक देती है। यदि रोगी के नेत्र और त्वचा का रंग पीला है। और रोगी श्वेत रंग के मल का त्याग करता है। तब रोगी को इस दबा की दिन में तीन खुराक देने से जल्दी आराम मिलता है।
8- Chionanthus Vir. Q
यह लिवर की बहुत ही अच्छी औषधी है। यदि रोगी को नाभि के आस -पास पीड़ा होती है,कब्ज होती है ,भूख नहीं लगती है या मिट्टी के रंग का मल त्याग करता है तो रोगी को इस दबा की 10 -10 बून्द 1 /4 कप पानी में मिलकर दिन में तीन बार देने से पीलिया जल्दी ठीक होता है।
9- Mercurius Sol 30
यह पीलिया के बहुसंख्यक रोगियों के लिए विशिष्ट औषधी है। यदि रोगी का यकृत बढ़ा हुआ ,स्पर्श करने पर वेदना या पित्त का अपर्याप्त स्त्राव हो, तो इस औषधी की दिन में तीन खुराक देने से रोगी को आराम मिलता है।
10- Natrum Phos 1X
यदि रोगी की त्वचा पीली हो,और दिन के समय रोगी के पैर बर्फ के जैसे ठन्डे तथा रात के समय में पैर जलते हैं तो रोगी को इस दवा की दिन में तीन खुराक लेने से जल्दी आराम मिलता है।
11- Nux Vom.30
यदि रोगी को भूख कम लगे और यकृत के भाग में स्पंदन युक्त पीड़ा हो, तो रोगी को इस दबा की दिन में तीन खुराक लेने से जल्दी आराम मिलता है।
12- Plumbum Met 30
बहुत अधिक पीली त्वचा के साथ पीलिया होने पर रोगी को इस दबा की दिनमें तीन खुराक दें।
13- Podophyllum 30
यदि रोगी का यकृत का भाग वेदनापूर्ण हो,और उदर के बल लेटने पर आराम मिलता हो। तथा कब्ज के साथ एकान्तर से अतिसार हो तो रोगी को इस दबा की दिन में तीन खुराक लेनी चाहिए।
14- Thyrodinum 3X
नवजात शिशुओं में पीलिया की निराशाजनक मामलों में ,यह औषधी रोगी को मृत्यु की जबड़ों से छीन लाएगी।
नोट – ये सभी रोगी के लक्षणों के अनुसार दी जाती है । इसलिए दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले ।